महराजगंज के सुरेशचंद्र पांडेय (Suresh Chandra Pandey)जिला कृषि अधिकारी(Ex District Agriculture Officer) के पद से रिटायर हुए हैं। सिसवा के परसा गिदही गांव के रहने वाले सुरेशचंद्र पांडेय आराम करने के उम्र में एक बार फिर काॅलेज की ओर रूख किए हैं। सुरेश चंद्र पांडेय अपनी रिटायरमेंट के बाद निचलौल के मनु लाॅ काॅलेज में एलएलबी फस्र्ट ईयर में एडमिशन लिए हैं। सुरेश चंद्र पांडेय रोज काॅलेज जाते हैं और अपने नाती-पोते के उम्रवाले युवाओं के साथ पढ़ाई करते हैं। मजे कि बात यह कि सुरेश चंद्र पांडेय के छोटे बेटे विकास कुमार पांडेय भी उनके साथ ही कानून की पढ़ाई कर रहे हैं। पिता-पुत्र एकसाथ काॅलेज जाते हैं और एक साथ की क्लास करते हैं।
बाबा पुकारते हैं सहपाठी, बेटे के साथ क्लास में बैठते पूर्व जिला कृषि अधिकारी सुरेश चंद्र पांडेय की उम्र देखकर उनके साथ पढ़ने वाले युवा उनको बाबा या दादा कहते हैं। शिक्षक भी क्लास में आते हैं तो बड़े ही आदर केसाथ उनको सम्मानित तरीके से बातचीत करते हैं। हालांकि, वह पढ़ते या क्लास में अध्ययन के दौरान कभी भी अपनी उम्र को आड़े नहीं आने देते। रोज क्लास करते हैं। नियमित रूप से पढ़ाई करते हैं। उनके छोटे बेटे भी उनके साथ ही पढ़ते हैं। साथ पढ़ने वाले तमाम बार उनसे सलाह लेते हैं।
उम्र के सात दशक से अधिक समय जीने के बाद पूरी शिद्दत के साथ पढ़ाई कर रहे सुरेश चंद्र पांडेय का मानना हैं कि कानून की पढ़ाई का उद्देश्य ही जनसेवा का होना चाहिए। देश आजाद भले ही हो गया लेकिन अभी भी अधिसंख्य आबादी कानूनी जानकारियों से विरत है। ऐसे लोगों की मदद को आने के लिए वह पढ़ाई कर रहे हैं।
उम्र के सात दशक से अधिक समय जीने के बाद पूरी शिद्दत के साथ पढ़ाई कर रहे सुरेश चंद्र पांडेय का मानना हैं कि कानून की पढ़ाई का उद्देश्य ही जनसेवा का होना चाहिए। देश आजाद भले ही हो गया लेकिन अभी भी अधिसंख्य आबादी कानूनी जानकारियों से विरत है। ऐसे लोगों की मदद को आने के लिए वह पढ़ाई कर रहे हैं।
काफी दिनों से कानून की सेवा में लगे वरिष्ठ अधिवक्ता व पूर्व कृषि अधिकारी के बड़े पुत्र विनय कुमार पांडेय बताते हैं कि पिताजी 2007 में रिटायर हुए थे। 1967 में एमएससी कृषि की डिग्री हासिल करने के बाद वह कृषि विभाग में अधिकारी के पद पर कार्यरत हुए थे। किसानों-गरीबों के बीच में काम करने का काफी अनुभव रहा है। रिटायर्ड होने के बाद वह लोगों में कानून की अज्ञानता को दूर करना चाहते हैं। इसलिए खुद पढ़ाई कर लोगों को कानूनी मदद करेंगे।